लघुचित्र, डायरी, वीडियो, बातचीत : इस अनुभाग में बताया गया हर एक काम आपको हमारे और हमारे काम के करीब लाता है। यह हमारे सामने मौजूद चुनौतियाँ बताते हैं, जिन्हें हमने अपने उद्देश्य के करीब आने के लिए पार की हैं
हमारी तीन परिचालन इकाइयाँ हैं – फील्ड संस्थान, फ़िलंथ्रोफ़ी और विश्वविद्यालय। यह तीनों एकजुट तरीके से फ़ाउण्डेशन के उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए कार्य करती हैं। एक न्यायसंगत, समतामूलक, मानवीय और सस्टेनबल समाज की दिशा में योगदान देना फ़ाउण्डेशन का उद्देश्य है। हम आपके लिए तीनों इकाइयों से, सीधे भारत भर में हमारे लोगों और भागीदारों से कहानियों का एक संग्रह लाए हैं। कहानियों के इस संग्रह में वीडियो, एनीमेशन, साक्षात्कार और पत्रिकाएँ मौजूद हैं। यह हमारे कार्य के विभिन्न क्षेत्रों में फ़ाउण्डेशन की यात्रा और प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं।
कथावना 2023 – एक नज़र
कथावना (वन की कथाएँ) अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा बच्चों के लिए किया जाने वाला वार्षिक आयोजन है। यह दो भाषाओं में आयोजित किया जाता है। इसका आयोजन सन 2012 से किया जा रहा है। आइए 2023 के कथावना की कुछ झलकियाँ देखते हैं और यहाँ हुए तीन कार्यक्रमों के ज़रिए जानते हैं कि किस तरह बच्चों का साहित्य कर्नाटक के बच्चों और शिक्षकों तक पहुँचता है।
पूर्व-विद्यार्थियों की कहानी । मिट्टी कैफ़े
मिट्टी कैफ़े सिर्फ़ पौष्टिक और रसायन-मुक्त भोजन के बारे में नहीं है। यह विकलांग लोगों द्वारा चलाई जाने वाली एक शृंखला है।
महिला वैक्सिन वॉरियर: कोविड-19 राजस्थान से कुछ अनुभव
यह कोविड-19 के दौरान सबसे आगे की पंक्ति में काम करने वाली 11 महिलाओं की कहानी है। इन महिलाओं ने राजस्थान में टीकाकरण अभियान में बेहद ज़रूरी योगदान दिया। इन फोटो डॉक्यूमेन्ट्री में इन्हीं बहादुर महिलाओं के अनुभव दिखाए गए हैं।
पूर्व-विद्यार्थी की कहानी । अयांग
अयांग संगठन असम की एक नदी के बीच बने माजुली द्वीप के लोगों की आजीविका के लिए काम करता है। यह संगठन हमारे पूर्व-विद्यार्थी द्वारा स्थापित किया गया है।
होयसला एरोबिक्स: मदनिका की तरह आगे बढ़ें
होयसल मंदिर की दीवारों से कोई नक्काशीदार आकृति और किसी एरोबिक्स प्रशिक्षक की ऊर्जावान चाल की कल्पना करें। दोनों को एक साथ रखें और आपकी आँखों के सामने बेंगलूरु विश्वविद्यालय के वर्तमान विद्यार्थियों का एक रचनात्मक प्रोजेक्ट होगा।
समर कैंप 2022: स्कूल वापसी का राह
जब महामारी की वजह से बंद स्कूल 18 महीनों बाद फिर से खुले, तो हमने विद्यार्थियों को फिर से स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समर कैंप का आयोजन किया। यहाँ राजस्थान के बाड़मेर की एक झलक दी जा रही है।
मोरी में टीकाकरण अभियान: एक मुश्किल चढ़ाई
हमने भारत में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के समर्थन में काम किया है। ख़ासतौर पर हमने कुछ दूर-दराज़ और पिछड़े ज़िलों में हम पहले से मौजूद थे, यहाँ काम करना काफ़ी चुनौतियों से भरा था। पेश है उस समय की एक अनकही कहानी:
एक डॉक्टर का अनुभव: राजस्थान से COVID-19 कहानियाँ
यह कहानी "क्रॉनिकलिंग कोविड-19 इन इंडिया" शृंखला का एक हिस्सा है। इसके तहत राजस्थान की कई कहानियाँ प्रस्तुत की गई हैं, जिनमें से यह पहली कहानी है। इसमें नाथद्वारा ज़िला अस्पताल, राजसमंद के डॉ. बीएल जाट की कहानी पेश की गई है: