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हम कैसे संगठित हैं

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शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।
शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।
शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।
शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।
शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।
शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।
शिक्षण शुरुआती से ही हमारे के मूल में रहा है। हमने भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूलों में कार्यक्रमगत हस्तक्षेप के साथ शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए सीखने के नतीजों को बेहतर और समृद्ध बनाना था।