हम पानी की कमी वाले इलाकों में पीने के पानी और सिंचाई के बीच के अंतर को दूर करना चाहते हैं
भारत में स्वच्छ पेयजल का अधिकार, भोजन के अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार और स्वास्थ्य के अधिकार से जुड़ा है। ये सभी अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित, जीवन के अधिकार के अंतर्गत आते हैं।
हालाँकि, एक मूलभूत संसाधन के रूप में पानी की उपलब्धता मानव और अन्य जीवों के जीवन की गुणवत्ता को परिभाषित करती है, लेकिन यह भौगोलिक स्थिति, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, जलवायु परिवर्तन जैसे विभिन्न मुद्दों के अधीन होती है।

चित्र साभार - पुरुषोत्तम ठाकुर
हमारी कोशिश एक ऐसे भविष्य का निर्माण करना है, जहाँ हर एक व्यक्ति को पानी तक पहुँच की सहूलियत हासिल हो। इस मकसद के लिए हम भारत में पानी की कमी से प्रभावित क्षेत्रों में सबसे कमज़ोर लोगों के साथ काम कर रहे 20 से अधिक संगठनों की मदद करते हैं।
हमारे भागीदार शुष्क व अर्ध-शुष्क, पहाड़ी और ख़राब जल-गुणवत्ता वाले विशेष ध्यान देने योग्य भौगोलिक स्थिति और कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं।
गाँवों में पीने के पानी की समस्या सुलझाने के लिए काम कर रहे संगठनों के साथ सहयोग करना हमारे बहुआयामी दृष्टिकोण का पहला कदम है। इससे जल स्रोतों की पर्याप्त और सतत उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके, जल-संबंधी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वितरण सिस्टम एवं ग्रामीण संस्थाओं को मज़बूत बनाया जा सके और जल की गुणवत्ता में सुधारने में मदद मिल सकती है।
इन पहलों के तहत उजड़ चुके जल स्रोतों को फिर से ज़िंदा किया गया है, जिससे साल भर घरों को पानी की सप्लाई हो सके। घरों में साफ़ व सुरक्षित पीने का पानी पहुँचाया जाना चाहिए और उन्हें जल की गुणवत्ता के मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।
हमारे भागीदार, नियमित जल-वितरण के मैनेजमेंट तथा इसके संचालन और रखरखाव के लिए संसाधन जुटाने में सामुदायिक स्तर की संस्थाओं को भी आधार प्रदान करते हैं।
हम धरातल पर उपलब्ध जल-स्रोतों और भू-जल स्रोतों का संवर्धन करके, मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए प्रयास करते हैं। साथ ही सिंचाई के पानी के लिए कुशल सामुदायिक प्रबंधन की सुविधा देकर कृषि जल की उपलब्धता पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं।
इससे रबी की खेती के रकबे में बढ़ोतरी हुई है, बंजर भूमि को खेती योग्य भूमि बनाने में बढ़ोतरी हुई है, सिंचित भूमि का क्षेत्रफल बढ़ा है और कुशल जल व फसल प्रबंधन के तौर-तरीकों को अपनाने वाले किसानों की संख्या में भी उछाल आया है।
पानी के तहत हम शहर की झुग्गी-बस्तियों में साफ़ पीने का पानी पहुँचाते हैं।
पानी के क्षेत्र में हम अपने भागीदारों के ज़रिए काम करते हैं।