पॉलिसी सपोर्ट

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एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था के केंद्र में सीखने-सिखाने के बेहतर नतीजे होते हैं

इसीलिए, अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन देश के सरकारी स्कूलों और उनके काम करने की कुशलता में सुधार लाने में योगदान देता है। हम ज़मीनी स्तर पर शिक्षकों के साथ मिलकर उनके क्लासरूम्स में काम करते हैं। इस तरह ज़मीनी स्तर पर अपनी व्यापक उपस्थिति से मिले सोचने-समझने के मूल्यवान नज़रिए और ज्ञान के साथ अपने इरादों को मज़बूत बनाते हैं। देश और प्रदेश के स्तरों पर, हमारे द्वारा निकाले गए निष्कर्ष और अनुभव स्कूली शिक्षा में सार्थक नीतिगत बदलावों का प्रमाण देते हैं।

केंद्र और राज्य सरकारों के साथ हमारा सहयोग लगातार जारी रहता है। इसके चलते फ़ाउण्डेशन, नीतियाँ निर्माण, पाठ्यक्रम व पाठ्य-पुस्तक विकास तथा डिज़ाइन करने, मूल्यांकन सुधार, वरिष्ठ पदाधिकारियों की क्षमता के विकास और उसके संस्थागत सुधार के कार्यक्रमों में एक सक्रिय भागीदार बनाता है।

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केंद्र सरकार के साथ हमारे काम

भारत सरकार के साथ हमारे अब तक के सहयोग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (2022) में हमारा योगदान मील के पत्थर हैं। हमारी टीमों ने एनसीएफ के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अगले 15 से 20 वर्षों में भारत के सभी 15 लाख सरकारी और निजी स्कूलों में सीखने और सिखाने को बढ़ावा देगा। एनसीएफ सभी राष्ट्रीय और प्रदेश के शिक्षा बोर्डों के पाठ्यक्रम, पाठ्य-पुस्तकों और परीक्षाओं में बदलाव का आधार होगा।

जादुई पिटारा एनसीएफ़ का एक हिस्सा है। यह सीखने-सिखाने की सामग्री (टीएलएम) का एक बहुत बढ़िया उदाहरण है। इसे हमने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तैयार किया है। ये टीएलएम सामग्री, खिलौनों, खेलों, पहेलियों, कठपुतलियों, पोस्टरों और प्लेबुक के रूप में उपलब्ध है। यह सामग्री 3 से 8 साल की उम्र के बच्चों के लिए खेल-आधारित शिक्षा को सक्षम बनाने में उपयोगी है। टीएलएम किट में शिक्षकों के लिए एक हैंडबुक भी है। यह हैण्डबुक शिक्षकों को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फ़ाउण्डेशनल स्टेज (एनसीएफ-एफएस) 2022 में बताए गए पाठ्यक्रम के कई लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगी।

राज्य सरकारों के साथ हमारे काम

स्कूल ऑफ कंटीन्यूइंग एजुकेशन एंड यूनिवर्सिटी रिसर्च सेंटर (एससीई-यूआरसी) से फ़ील्ड पर काम करने वाली हमारी कई टीमें, भारत के 17 राज्यों के कई क्षेत्रों में और कई टार्गेट ग्रूप्स समूहों के साथ काम करती हैं, ताकि उनकी सरकारों को शिक्षा से जुड़े हुए कामों में मदद मिल सके।

हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में सुधारों को लागू करने में गहराई से शामिल हैं। इसके अलावा, पाठ्यक्रम की रूपरेखा और स्थिति पत्रों के विकास में नीति स्तर के कामकाज में भी हमारी गहरी भागीदारी है। इस संदर्भ में हम सामग्री का विकास, शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों की क्षमता विकास, राज्य बोर्ड की परीक्षाओं में सुधार और पूर्वोत्तर भारत के सभी आठ राज्यों में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में सुधार जैसे काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम अरुणाचल प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षण सामग्री का विकास; तमिलनाडु में छह महीने चलने वाले व्यावसायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारियों का क्षमता विकास; स्कूलों में दाख़िले की दर और सीखने और सिखाने की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर में 83 श्रीनगर नगर निगम प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों, स्कूल प्रिंसिपलों और क्षेत्रीय नेतृत्व के साथ काम करना जैसे कई काम कर रहे हैं।

सरकारी पदाधिकारी जैसे महत्त्वपूर्ण समूह के साथ हम लगातार काम करते रहते हैं। मूल्यांकन सुधारों के साथ-साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाना भी एक क्षेत्र है, जिस पर हम बहुत ध्यान देते हैं। इसमें बोर्ड की परीक्षा में सुधार, कक्षा-आधारित मूल्यांकन, सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा व शिक्षक मूल्यांकन, शिक्षक पात्रता परीक्षण और शिक्षक भर्ती के लिए प्रक्रियाएं शामिल हैं।

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