हम सामान्य जनता और युवा समूहों के साथ काम करने वाली 40 ज़्यादा संस्थाओं की मदद करते हैं।
ये समूह व्यक्तियों और समुदायों को संवैधानिक मूल्यों, जैसे सामाजिक न्याय, समानता, भाईचारा, विविधता और बहुलता, आदि को अमल में लाने और उन्हें बनाए रखने में मदद करते हैं और ऐसा करते रहने के लिए उन्हें बढ़ावा देते रहते हैं। यह प्रोत्साहन, महाविद्यालयों और स्कूलों जैसी अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई, मूल्यों में बदलाव और सक्रिय नागरिकता को सक्षम करने के रूप दिया जाता है।
इस क्षेत्र में आमतौर पर सामाजिक न्याय के मुद्दों पर संवैधानिक मूल्यों के नज़रिए से काम कर रहे सिविल सोसायटी संगठन हमसे अनुदान पाकर ग्रांट पार्टनर बनते हैं। हम युवाओं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में हाशिए पर रहने वाले युवाओं पर भी ध्यान देते हैं।

हम अपने साझेदारों को अपने समुदायों में सामाजिक-कार्य से जुड़ी परियोजनाओं को तैयार करने और उन्हें अमल में लाने के लिए भी प्रोत्साहित करते रहते हैं। हम समुदाय में अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेकर, अलग-अलग पहचान वाले लोगों को भी एक साथ लाना चाहते हैं। इसके लिए, किसी मुद्दे पर काम करते समय उन लोगों में आपस में एक भाईचारे और एकता की भावना विकसित करनी पड़ती है। हमारे ग्रांट पार्टनर, कम्युनिटी मैपिंग के ज़रिए लोगों में बाँटे जाने लायक मुद्दों और समस्याओं की पहचान भी करते हैं।
हम संविधान द्वारा प्रस्तुत भारत की अवधारणा की सराहना करते हैं और रंगमंच, संगीत और कला के अन्य रूपों के ज़रिए समुदाय से जुड़ने वाले संगठनों को भी सहायता प्रदान करते हैं।
इस क्षेत्र में किया गया हमारा काम नागरिकों के बीच लोकतंत्र और भाईचारे के विचार को और मज़बूत करने में मदद करता है। इस काम के ज़रिए, उन्हें समुदायों के भीतर भेदभाव और बहिष्कार को पहचानने और उसे रोकने में मदद भी मिलती है।
संवैधानिक मूल्यों और अधिकारों के बारे में जागरूकता से किसी भी आम नागरिक को अपने आसपास के सामाजिक मानदंडों और प्रथाओं पर सवाल उठाने का साहस और आत्मविश्वास मिलता है। यह जागरूकता उन्हें इस बात की हिम्मत भी देती है कि, अपने साथी नागरिकों के साथ मिल कर सामाजिक कार्रवाई की ऐसी योजनाओं को अमल में ला सकें, जिनका सबसे ज़्यादा असर समाज के हाशिए पर जीने वाले समुदायों पर पड़ेगा।
संवैधानिक मूल्यों के क्षेत्र में हम अपने भागीदारों के ज़रिए काम करते हैं।