हमारा आर्ट एण्ड कल्चर फंक्शन कहानियों के ज़रिए फ़ाउण्डेशन के उद्देश्य को स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करता है
कहानियों के पाठ में सामाजिक दृष्टिकोण और विश्वास में सार्थक परिवर्तन को प्रेरित करने की क्षमता होती है। हम रेडियो और पॉडकास्ट, कला, संगीत, फिल्मों और सचित्र पुस्तकों के माध्यम से हमारे काम, हमारी उपलब्धियों, हमारी सीख व आकांक्षाओं की कहानियाँ सुनाते हैं।


हम फ़ाउण्डेशन के न्यायसंगत, समानता आधारित, मानवीय और सस्टेनेबल समाज के दृष्टिकोण अभिव्यक्ति देते हैं और सार्वजनिक समझ को बढ़ाते हैं। हम सभी के लिए आवश्यक और प्रासंगिक कहानियाँ रचते हैं, उनका समर्थन करते हैं और समय-समय पर उन्हें सभी तक पहुँचाते हैं, जो कि अपने आस-पास समुदायों से लेकर भारत के सभी लोगों तक के लिए होती हैं।
कला और संस्कृति में हमारे द्वारा किए गए पहलों की कुछ झलकियाँ यहाँ दी गई हैं:
कैंपस में कला
भारत की कला परंपराओं में यहाँ की विविधता और बहुलता समाई हुई है। लोक कला के रूप अकसर शहरी स्थानों से दूर या अलग-थलग होते हैं, लेकिन समकालीन कला के बारे में यही बात नहीं कही जा सकती है। इसलिए हम कैंपस म्यूरल प्रोजेक्ट द्वारा इस विभाजन को कम करने की कोशिश करते हैं। अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, बेंगलूरु में सेमिनार हॉल और हॉस्टल सहित अन्य सार्वजनिक जगहे कलात्मक अभिव्यक्ति का कैनवास बनाई गई हैं।

वर्ष 2022 में कैंपस में म्यूरल बनाने शुरू किए गए, जो वर्ष 2023 में फिर से बनाए गए। इसके ज़रिए कैंपस की दीवारों के कैनवस के ज़रिए हमने पारंपरिक और समकालीन कलाकारों के बीच सहयोग को संभव बनाया है। उनके द्वार बनाए गए भित्तिचित्र संवैधानिक मूल्यों की स्पष्ट अभिव्यक्ति होने के साथ-साथ भारत की विविधता और बहुलवादी सद्भाव को दिखाते हैं। बेंगलूरु में हमारे स्वास्थ्य केंद्रों की दीवारों पर भी भित्ति चित्र बनाए गए हैं।
रेडियो अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी
हमारे इंटरनेट रेडियो स्टेशन का नाम ‘रेडियो अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी’ है। यह रेडियो स्टेशन आम दर्शकों को विचारशील, सूक्ष्म और प्रासंगिक रेडियो कार्यक्रम प्रदान करता है। इसके लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों और विशेषज्ञों की ऊर्जा, विशेषज्ञता और रचनात्मक अभिव्यक्ति का इस्तेमाल किया जाता है। इंटरनेट रेडियो के लिए लेखन, संपादन और उत्पादन में विभिन्न अनुशासनों के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता है। इसके लिए अगस्त 2023 में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ़ आर्ट्स एंड साइंसेज ने ‘रेडियोशाला’ नाम से ओपन इलेक्टिव पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
