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हम कैसे काम करते हैं

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फ़ाउण्डेशन ने शुरुआत में ही तय कर लिया था की वह देश की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम करेगा। इन वर्षों में हमारे काम की भौगोलिक सीमा का विस्तार हुआ और इसमें भारत के कुछ दूर-दराज़ की जगहें भी जुड गई हो गई हैं। सीधे ज़मीनी स्तर पर मौजूदगी के अलावा हम पूरे देश में भागीदारों के साथ भी मिलकर काम करते हैं। इस तरह के सहयोग से हमें संसाधनों को सही दिशा देने और मानव विकास व कल्याण के विभिन्न काम की पहुँच को बढ़ाने के आधार प्रदान करने में मदद मिलती है।
हम एक से ज़्यादा वर्षों के ग्रांट के ज़रिए भागीदारों और सिविल सोसायटी संगठनों के साथ काम करते हैं। आज हम जेण्डर जस्टिस, संवैधानिक मूल्य, अपंगता और प्रशासन से जुड़े मुद्दे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 1,150 से ज़्यादा गैर-लाभकारी और सिविल सोसायटी संगठनों को आधार प्रदान करते हैं।
देश के सोशिअल सेक्टर को आगे बढ़ाते हुए हुए अज़ीम प्रेमजी फ़ाउण्डेशन ने अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की स्थापना की है। यह फ़ील्ड में ज्ञान, कौशल और सामाजिक रूप से जागृत प्रोफ़ेशनल के प्रवाह को बनाए रखने का हमारा तरीका है।
हमारे ऑपरेटिंग यूनिट्स शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका में विकास को आगे बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करते हैं।
भारत के सोशिअल सेक्टर को मज़बूत बनाना हमारा मकसद है। इसमें हमारे कैंपस और उसमें पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम भी हाथ बटा रहे हैं।
भागीदारों के साथ मिलकर मानवाधिकार और समानता के लिए काम करना हमारा मज़बूत पक्ष है। हमारे कुछ साथी भारत के सबसे दूर-दराज़ के इलाकों में काम कर रहे हैं।