लघुचित्र, डायरी, वीडियो, बातचीत : इस अनुभाग में बताया गया हर एक काम आपको हमारे और हमारे काम के करीब लाता है। यह हमारे सामने मौजूद चुनौतियाँ बताते हैं, जिन्हें हमने अपने उद्देश्य के करीब आने के लिए पार की हैं
हमारी तीन परिचालन इकाइयाँ हैं – फील्ड संस्थान, फ़िलंथ्रोफ़ी और विश्वविद्यालय। यह तीनों एकजुट तरीके से फ़ाउण्डेशन के उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए कार्य करती हैं। एक न्यायसंगत, समतामूलक, मानवीय और सस्टेनबल समाज की दिशा में योगदान देना फ़ाउण्डेशन का उद्देश्य है। हम आपके लिए तीनों इकाइयों से, सीधे भारत भर में हमारे लोगों और भागीदारों से कहानियों का एक संग्रह लाए हैं। कहानियों के इस संग्रह में वीडियो, एनीमेशन, साक्षात्कार और पत्रिकाएँ मौजूद हैं। यह हमारे कार्य के विभिन्न क्षेत्रों में फ़ाउण्डेशन की यात्रा और प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं।
आपदा प्रबंधन में ग्राम सभा की भूमिका | लूपुंगपाट गांव,
गुमला ज़िले के लुपुंगपाट गांव की ग्राम सभा ने कोविड-19 के दौरान अपने सक्रिय और सामूहिक निर्णय के ज़रिए कई गांवों को प्रेरित किया। यह कहानी संकट के दौरान सामूहिक इच्छा शक्ति, प्रतिबद्धता और ग्राम सभा द्वारा कई मुश्किल कामों को अंजाम देने का एक स्पष्ट उदाहरण है।
ग्राम सभाओं में पंचायत की भूमिका | आर्या पंचायत
गुमला ज़िले के बसिया ब्लॉक की आर्या पंचायत की मुखिया जसिंता बागे अपनी पंचायत को नई दिशाओं में ले जा रही हैं। मुखिया के तौर पर जसिंता ने पंचायत और ग्राम सभा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया है, जिसके परिणामस्वरूप आर्या के लोगों की समस्याओं का तुरंत और प्रभावी समाधान हो रहा है।
ग्राम सभा की कहानी
यह ग्रामीण झारखंड की कहानियों का एक प्रेरक देने वाला कलेक्शन संकलन है। यह शृंखला पंचायत जैसी मज़बूत स्थानीय लोकतांत्रिक संस्थाओं के महत्व को रेखांकित कर दिखाती है।