जीवन की धारा-नदियों का जीवन । भाग 2

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कई सभ्यताएं नदियों के किनारे पनपी और फली-फूली और ख़त्म हुई। एक तरह से जीवन की शुरुआत और ख़ात्मा नदियां हैं। यह कविता आपको दिखाएगी कि कैसे हमारे जीवन का हर क्षण नदी से जुड़ा हुआ है।

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